Kamyabi l कामयाबी l Adna hu beshaq l अदना हू बेशक

कामयाबी 

          हमे कामयाबी की सिढी पार करणी है तो हमे सफलता के सारे आयामो पर ध्यान देणा आवशक है ताकी हम जीवन में कई लोग अपने अहंकार से भरे होते हैं लेकिन जब यह अहंकार शांत हो जाता है तो उनका अहंकार कई लोगों को अलग कर देता है और उनका व्यवहार कई लोगों के दिलों को ठेस पहुंचाता है।  तूफानों में बड़े-बड़े पेड़ उखड़ जाते हैं, लेकिन घास का एक छोटा सा तिनका मजबूती से खड़ा रहता है, चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें, मैं नहीं गिरूंगा, इसी आशा से सराबोर रहकर वह जीवन की हर विपदा का सामना करता है। इसलिए विनम्र और सम्मानजनक रहें, फिर बडे से बड़ा तूफान आपके जीवन को नष्ट नहीं कर पाएगा...इन्ही भावनावो उजागर करती है मेरी ये कविता..


  

 कुछ बूंदे जब पड़ी तनपर

     दिल की ख्वाईश उमड़ पड़ी

बे झिजक जीलू जीवन

      हर एक बेबस बोझिल घड़ी


 मुझपर बूंदे नही है ये है

एक अटूट अमृत धारा

          झुझलती कुछ सहलाती कुछ 

तुम शांखो का सहारा


  अदना हू बेशक मुझ पर

       ध्यान किसी का ना जायेगा

      पर मेरे भीनी सी खुशबू से

    हर कोई खुशी तो पाएगा


         कुछ दिनों की मिली जिंदगी 

           कर पाऊं कुछ अनमोल जतन

        खुश रहे हर कोई जिंदगी में 

आबाद रहे ये मेरे वतन


✍️ मनोज इंगळे 



 kuchh boonde jab padee tanapar

dil kee khvaeesh umad padee

be jhijak jeeloo jeevan

har ek bebas bojhil ghadee

 

mujhapar boonde nahee hai ye hai

ek atoot amrt dhaara

jhujhalatee kuchh sahalaatee kuchh

tum shaankho ka sahaara

 

adana hoo beshak mujh par

dhyaan kisee ka na jaayega

par mere bheenee see khushaboo se

har koee khushee to paega

 

kuchh dinon kee milee jindagee

kar paoon kuchh anamol jatan

khush rahe har koee jindagee mein

aabaad rahe ye mere vatan


✍ manoj ingle



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