Radha Krishna sambandh। राधा और श्रीकृष्ण के संबंध
Radha Krishna| श्री कृष्ण और राधा । राधा और श्रीकृष्ण का संबंध । जीवन के बारे मे कविता
अनेक लोग राधा और श्री कृष्ण जी के संबंध में विभिन्न प्रकारोके प्रश्न पूछते नजर आते है राधा और कृष्ण के बीच क्या संबंध है ? क्या राधा कृष्ण की पत्नी थी ? क्या राधा और कृष्ण एक ही है ? श्रीकृष्ण ने राधा से शादी क्यू नही की ? इन्ही सभी प्रश्न का उत्तर हमे यही ज्ञात होता है की राधा और कृष्ण में जो संबंध थे वह वैसे ही थे जैसे शरीर और आत्मा, भक्त और परमात्मा, मित्र और सखा जिनकी वजह से वह दो रहकर भी एक ही थे उनका मिलना न मिलना यह तो विधि का विधान था लेकिन समर्पण भाव से हम देखे तो वह अलग होकर भी एक ही थे। कहने का तात्पर्य यही की जिस भावो को हम रिश्ते के स्वरूप में खोजना चाहते है उतनी अल्प आयु उसकी नही थी यह चराचर में प्रेम की भाषा और संबंध को उजागर करने वाली थी। इसीलिए राधा के सूंघे गए फूलों की खुशबू भी कृष्ण को आती थी।
मुरली लेकर मेरे मन के तुम कोमल मुरलीधर शाम बनो
सीता के विरह व्यथा में तुम सीता के प्रभु श्री राम बनो
जभी नींद न आए मुझको तुम नींद आनेका आराम बनो
चर चर में भला हो जिससे तुम सब तमाम वो काम बनो
मूल्य ना घटे विपरीत विधा में तुम अमूल्य मेरा दाम बनो
तुमसे हो सब मुझसे हो तुम यह समझने तुम मेरा साम बनो
भूलू कभी ना मैं जीवन में तुम मिलन की वह सुबह शाम बनो
मोक्ष मिले जीवन में तुमसे तुम ऐसा अंतिम वह नाम बनो
मनोज इंगळे
muralee lekar mere man ke tum komal muraleedhar shaam bano
seeta ke virah vyatha mein tum seeta ke prabhu shree raam bano
jabhee neend na aae mujhako tum neend aaneka aaraam bano
char char mein bhala ho jisase tum sab tamaam vo kaam bano
mooly na ghate vipareet vidha mein tum amooly mera daam bano
tumase ho sab mujhase ho tum yah samajhane tum mera saam bano
bhooloo kabhee na main jeevan mein tum milan kee vah subah shaam bano
moksh mile jeevan mein tumase tum aisa antim vah naam bano
manoj ingle
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