मोहब्बत | Mohobbat |
जिंदगी खुशगवार हो जाती हैं जब किसीके साथ उसकी पुरी जिंदगी मे साथ देने के लिए जब कोई मासूम साथी आजाता है इसी तरह से वो अपनी सारी खुशिया उसी मे ही मानता हैं और दोस्तो ऐसा की साथी मिलना किसी खजाने से मिलने से कम नही..।
उसकी मासुमियत विश्वास भी कुछ खास था |
आज मेरा दीलबर सबसे मेरे दिल के पास था |
कुछ नादानिया कुछ शरारते दिलं छू जाती थी
पर मेरे जिनेकी वो बस एक आखरी आस था |
कुछ खास जिम्मेदारी बढ गयी मेरी तेरी वजहसे
पर मेरे हर आह मे भरणे वाली वो एक सास था |
- मनोज इंगळे
Uski masumiyat, vishwas bhi kuch khas tha
Aaj mera dilbar sabse mere dil ke paas tha
Kuch nadaniya kuch shararate dil ko choo jaati thi
Par mere jine ki vo bas aankhari aas tha
Kuch khas jimmedatiya badh gai meri tere vajah se
Par mere har aaj me bharne wali vo ek sans tha
Manoj ingle
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